The Definitive Guide to treatment piles food to eat

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पाइल्स गुदा क्षेत्र के अंदर या बाहर हो सकता है। सूजी हुई नस कहाँ विकसित है उस प्रकार पर निर्भर करता है।

किशमिश की सहायता से भी आप पाइल्स का घरेलू उपचार कर सकतें हैं। किशमिश का जूस बनाकर पिया जाये तो यह भी बवासीर में बहुत फ़ायदेमंद होता है। किशमिश की कुछ मात्रा लेकर उसे पूरी रात पानी में भिगोकर रखें और सुबह इस पानी में ही किशमिश को पीसकर पीने से बवासीर से राहत मिलती है।

कम फाइबर वाला आहार : बवासीर का कारण कम फाइबर वाला आहार बन सकता है क्योंकि इससे कब्ज होता है। और कब्ज के कारण मल त्याग के दौरान तनाव मलाशय की नसों पर दबाव डालता है, जिससे बवासीर का विकास या बिगड़ जाता है।

अगर एक बार ये हो जाए, तो बार बार यह परेशान कर सकती है. ऐसे में अगर आप इससे छुटकारा चाहते हैं तो बातों को ध्‍यान में रखना जरूरी है. पुणे के कोलोरेक्टल डिज़ीज़ स्पेशलिस्ट डॉ. सम्राट जांकर बताते हैं कि पाइल्स में राहत पाने और सूजन कम करने के लिए कई घरेलू उपाय हैं जो कारगर साबित हो सकते हैं. तो चलिए जानते हैं इन उन उपायों के बारे में.

इस ब्लॉग में हम बवासीर के कारण, लक्षण, घरेलू उपाय, आयुर्वेदिक चिकित्सा और जीवनशैली में बदलावों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे ताकि आप इस समस्या को बेहतर तरीके से समझ सकें और इसे दूर कर सकें।

मल त्याग के दौरान या बाद में चमकीला लाल खून

मस्सों को साफ और सूखा रखें, हर मल त्याग के बाद अच्छे से गुदा की सफाई करें।

कुछ लोगों में यह रोग पीढ़ी दर पीढ़ी देखा जाता है, लेकिन कुछ में अन्य कारणों से भी होता है, जो ये हैंः-

गुदा या मलाशय में संक्रमण : गुदा या मलाशय क्षेत्र में संक्रमण से सूजन हो सकती है, जिससे बवासीर होने की संभावना बढ़ जाती है।

शौच करते समय जोर लगाना : मल त्याग के दौरान अत्यधिक दबाव डालने से मलाशय क्षेत्र में नसों में सूजन हो सकती है, जिससे बवासीर होता है।

कभी भी खुद से दवा न लें, विशेषज्ञ की सलाह लेते रहें।

कुछ व्यक्तियों को अपने read more रोजगार की वजह से घंटे खड़े रहना पड़ता है, जैसे- बस कंडक्टर, ट्रॉफिक पुलिस इत्यादि। इसके साथ ही जिन्हें भारी वजन उठाना पड़ता है। इन लोगों को बवासीर से पीड़ित होने की अधिक संभावना रहती है। 

मस्सों को छुए या दबाएं नहीं, नियमित रूप से सफाई करें।

सामान्यतः बवासीर के कारणों को जानना संभव नहीं होता है। पाइल्स होने का एक कारण मल त्याग करते समय अधिक जोर लगाना भी है। यही कारण है कि गर्भावस्था के दौरान गुदा की नसों पर दबाव पड़ने के कारण तनाव हो जाता है। यह महिलाओं में बवासीर का कारण बनता है। बवासीर मलाशय के अंदर या गुदा के पास की त्वचा के नीचे हो सकता है।

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